ICICI Pru AMC का बड़ा फैसला: Midcap, Smallcap में एकमुश्त निवेश बंद, SIP और STP पर लगी लिमिट
फंड हाउसेस की ओर से यह एक्शन हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों की वैल्युएशन पर चिंता जताने और इन स्कीम्स में इनफ्लो लिमिट करने के सुझाव के बाद देखने को मिल रहा है.
ICICI Pru AMC
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म्यूचुअल फंड हाउस ICICI Pru AMC ने मिडकैप और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश को लेकर बड़ा फैसला किया है. फंड हाउस ने मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में एकमुश्त निवेश लेना बंद किया है. साथ ही SIP और STP के जरिए निवेश करने पर लिमिट लगा दी है. फंड हाउसेस की ओर से यह एक्शन हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों की वैल्युएशन पर चिंता जताने और इन स्कीम्स में इनफ्लो लिमिट करने के सुझाव के बाद देखने को मिल रहा है. ICICI Pru AMC से पहले SBI MF, Tata MF समेत कई अन्य फंड हाउसेस ने भी स्मॉल-मिड कैप योजनाओं में निवेश लेना बंद किया है.
ICICI Pru AMC के फैसले के मुताबिक, फंड हाउस के मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में एकमुश्त (Lumpsum) निवेश नहीं किया जा सकता है. 14 मार्च से अगली सूचना तक अस्थायी रूप से निवेश लेना बंद किया गया है. आज (13 मार्च) कट-ऑफ टाइम (3 PM) के बाद कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाएगा. नई या अतिरिक्त खरीद को बंद किया है.
फंड हाउस ने क्यों किया फैसला
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने लार्ज -कैप से बेहतर प्रदर्शन किया है. मिडकैप और स्मॉलकैप के वलुएशन्स काफी हाई है. स्मॉल और मिड-कैप में हाई वैल्यूएशन बबल पर चिंता व्यक्त करते हुए एकमुश्त निवेश लेना बंद किया.
बता दें, ICICI Prudential Small-Cap Fund का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 7,415 करोड और ICICI Prudential Mid-Cap Fund का AUM 5,494 करोड़ रुपये है. इससे पहले SBI MF, Nippon India MF, Kotak AMC और Tata MF जैसे अन्य फंड हाउस ने भी स्मॉल-मिड कैप योजनाओं में निवेश लेना बंद किया है.
SIPs/STPs पर लगी लिमिट
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फंड हाउस ICICI Pru AMC का कहना है कि SIPs और STPs के माध्यम से निवेश जारी रहेगा लेकिन इसके लिए लिमिट लगाई गई है. इनमें डेली लिमिट 10,000, वीकली 50 हजार, मंथली 1 लाख, फोर्टनाइटली 2 लाख और क्वार्टली 6 लाख रुपये है.
Small/mid-cap: 1 साल में लार्जकैप से डबल रिटर्न
Indices | 1-year return |
Nifty | 30% |
Nifty 100 | 34% |
Nifty Small cap | 63% |
Nifty Mid cap | 58% |
SEBI ने जताई थी चिंता
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हाल ही में स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों की हाई वैल्युएशन को लेकर चिंता जताई थी. साथ ही मनी मैनेजर्स को इन स्कीम्स में इनफ्लो लिमिट करने का सुझाव दिया था. सेबी ने पिछले महीने म्यूचुअल फंर्स को कहा था कि वे अपने स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स का स्ट्रेस टेस्ट करें. इसके बाद एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने 15 दिन के भीतर फंड हाउसेस को स्ट्रेस टेस्ट की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे. इसकी पहली रिपोर्ट 15 मार्च को आने की उम्मीद है.
12:31 PM IST